Nios 10th Hindustani Music (242) Hindi Medium Solved Assignment TMA 2024-25

Hindustani Music (242)

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Nios 10th Hindustani Music (242) Hindi Medium Solved Assignment

20% Marks Of Theory

1. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।

(ख) उन दो तालों को परिभाषित करें जिनमें मात्राओं की संख्या समान हो।

उत्तर: ऐसे दो तालों को जिनमें मात्राओं की संख्या समान हो, हम समचरण ताल कह सकते हैं।

उदाहरण के लिए, दोहा छंद में प्रत्येक चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं। इसी तरह, सोरठा छंद में प्रत्येक चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं। ये दोनों छंद समचरण तालों के उदाहरण हैं।

सरल शब्दों में, जब किसी छंद के सभी चरणों में मात्राओं की संख्या बराबर होती है, तो उसे समचरण ताल कहते हैं।


2. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।

(क) हिंदुस्तानी संगीत के संकेतन में प्रतीकों का उपयोग किया जाता है। उदात्त और अनुदत्त नोट्स को दिखाने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रतीकों को स्पष्ट करें।

उत्तर: हिंदुस्तानी संगीत के संकेतन में प्रतीकों का उपयोग किया जाता है। उदात्त और अनुदत्त नोट्स को दिखाने के लिए इन प्रतीकों का उपयोग किया जाता है:

उदात्त नोट: इसे एक छोटी सी सीधी रेखा (|) से दर्शाया जाता है। यह नोट थोड़ा ऊँचा होता है।

अनुदत्त नोट: इसे एक छोटी सी उल्टी रेखा (`) से दर्शाया जाता है। यह नोट थोड़ा नीचा होता है।

ये प्रतीक हमें बताते हैं कि नोट को किस तरह से गाना है। उदात्त नोट को थोड़ा ऊपर और अनुदत्त नोट को थोड़ा नीचे गाया जाता है।


3. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।

(क) शुद्ध स्वर और तिव्र स्वर के बीच संबंध स्पष्ट करें।

उत्तर: शुद्ध स्वर और तीव्र स्वर के बीच संबंध:

  • शुद्ध स्वर: संगीत का मूल आधार होते हैं। ये सात स्वर हैं: सा, रे, ग, म, प, ध, नि। इन स्वरों को संगीत का आधार माना जाता है।
  • तीव्र स्वर: शुद्ध स्वरों से थोड़े ऊंचे होते हैं। जब किसी शुद्ध स्वर को थोड़ा ऊंचा किया जाता है तो वह तीव्र स्वर बन जाता है। उदाहरण के लिए, जब 'म' स्वर को थोड़ा ऊंचा किया जाता है तो वह तीव्र 'म' बन जाता है।

सरल शब्दों में:

  • शुद्ध स्वर: संगीत के मूल स्वर
  • तीव्र स्वर: शुद्ध स्वरों से थोड़े ऊंचे स्वर

तीव्र स्वरों का उपयोग संगीत में विभिन्न प्रकार के रागों और तालों को बनाने के लिए किया जाता है। ये स्वर संगीत को अधिक जटिल और रोचक बनाते हैं।


4. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए।

(ख) तीन ताल के बोलों को मात्रा सहित वर्णन करें।

उत्तर: तीन ताल के बोल

तीन ताल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक प्रमुख ताल है। इसमें कुल 16 मात्राएं होती हैं। तीन ताल के बोलों को इस तरह से बांटा जाता है:

  • धा: ये बोल आमतौर पर ताल के शुरुआत में लगते हैं और इनमें एक मात्रा होती है।
  • धिन: इन बोलों में दो मात्राएं होती हैं और ये ताल को गति प्रदान करते हैं।
  • ना: इन बोलों में तीन मात्राएं होती हैं और ये ताल को स्थिरता प्रदान करते हैं।

सरल शब्दों में:

तीन ताल में 'धा' (1 मात्रा), 'धिन' (2 मात्राएं) और 'ना' (3 मात्राएं) ये तीन मुख्य बोल होते हैं। इन बोलों को मिलाकर विभिन्न प्रकार के तालों को बनाया जाता है।


5. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए।

(क) भातखंडे अंकन प्रणाली के अनुसार खली और ताली की कोई चार विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर: हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में लय के विभिन्न प्रकार

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में लय एक महत्वपूर्ण घटक है। यह संगीत को गति और ताल प्रदान करती है। विभिन्न प्रकार की लयें संगीत को विभिन्न भावनाओं और माहौल को व्यक्त करने में सक्षम बनाती हैं।

हिंदुस्तानी संगीत में लय के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:

  • विलंबित लय: यह सबसे धीमी गति की लय होती है। इसे आरामदायक और शांत माहौल के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • मध्य लय: यह विलंबित और द्रुत लय के बीच की गति की लय होती है। इसे अधिकांश रागों में प्रयोग किया जाता है।
  • द्रुत लय: यह सबसे तेज गति की लय होती है। इसे उत्सव और उल्लास के माहौल के लिए प्रयोग किया जाता है।

इन लयों के अलावा, हिंदुस्तानी संगीत में कुछ अन्य प्रकार की लयें भी होती हैं:

  • तीव्र लय: यह द्रुत लय से भी तेज होती है और इसे बहुत ही ऊर्जावान माहौल के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • मंद लय: यह विलंबित लय से भी धीमी होती है और इसे बहुत ही शांत और आत्मनिरीक्षण के माहौल के लिए प्रयोग किया जाता है।

लय का महत्व:

लय संगीत को एक संरचना प्रदान करती है। यह संगीतकारों को एक साथ मिलकर बजाने में मदद करती है। लय संगीत को भावनात्मक गहराई भी प्रदान करती है। विभिन्न लयों का उपयोग करके संगीतकार विभिन्न भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में लय एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। विभिन्न प्रकार की लयें संगीत को गति, ताल और भावना प्रदान करती हैं। लय का चुनाव राग, भाव और माहौल के अनुसार किया जाता है।


6. नीचे दी गई परियोजनाओं में से कोई एक परियोजना तैयार कीजिए।

(ख) हिंदुस्तानी संगीत के किन्हीं तीन तालों के बारे में जानकारी एकत्र करें। उन तालों की मात्रा और बोल को तालिका के रूप में लिखें।

 उत्तर: हिंदुस्तानी संगीत के तीन प्रमुख ताल

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में ताल एक महत्वपूर्ण अंग है। यह संगीत को एक संरचना प्रदान करता है और इसे गतिशील बनाता है। विभिन्न प्रकार के तालों का उपयोग संगीत को विभिन्न भावनाओं और माहौल को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। आइए हिंदुस्तानी संगीत के तीन प्रमुख तालों - तीन ताल, एकताल और आदिताल के बारे में विस्तार से जानें।

1. तीन ताल

तीन ताल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला ताल है। इसमें कुल 16 मात्राएं होती हैं।

  • मात्रा: 16
  • बोल: धा धिन धा ना धिन धा धिन ना

तीन ताल को इसकी सममित संरचना और स्पष्ट लय के लिए जाना जाता है। यह विभिन्न प्रकार के रागों के साथ प्रयोग किया जाता है और इसका उपयोग विलंबित, मध्य और द्रुत लय में किया जा सकता है।

2. एकताल

एकताल भी एक बहुत ही लोकप्रिय ताल है। इसमें 10 मात्राएं होती हैं।

  • मात्रा: 10
  • बोल: धा गम धम धम ता धि मि

एकताल अपनी सरल संरचना के कारण शुरुआती तबलावादकों के लिए सीखने के लिए एक अच्छा ताल है। यह भी विभिन्न प्रकार के रागों के साथ प्रयोग किया जाता है और इसका उपयोग विलंबित, मध्य और द्रुत लय में किया जा सकता है।

3. आदिताल

आदिताल एक जटिल ताल है जिसमें 34 मात्राएं होती हैं।

  • मात्रा: 34
  • बोल: धा गम धम धम ता धि मि कि तम तम ता धि मि कि तम

आदिताल अपनी लंबी अवधि और जटिल संरचना के लिए जाना जाता है। यह अनुभवी संगीतकारों द्वारा प्रयोग किया जाता है और इसका उपयोग आमतौर पर लंबे और जटिल रागों के साथ किया जाता है।

ताल की मात्रा और बोल की तालिका

ताल की मात्रा और बोल की तालिका

ताल का महत्व

ताल संगीत को एक संरचना प्रदान करता है। यह संगीतकारों को एक साथ मिलकर बजाने में मदद करता है। ताल संगीत को भावनात्मक गहराई भी प्रदान करती है। विभिन्न तालों का उपयोग करके संगीतकार विभिन्न भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष

तीन ताल, एकताल और आदिताल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के तीन महत्वपूर्ण ताल हैं। इन तालों की मात्रा और बोल अलग-अलग होते हैं, लेकिन सभी एक ही उद्देश्य की सेवा करते हैं - संगीत को एक संरचना और गतिशीलता प्रदान करना। इन तालों को समझने से संगीत को गहराई से समझने में मदद मिलती है।

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