Nios 10th Economics (214) Hindi Medium Solved Assignment TMA 2024-25

Economics (214)

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Nios 10th Economics (214) Hindi Medium Solved Assignment

20% Marks Of Theory

1. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए।

(a) "आर्थिक तथ्यों और आंकड़ों को सकारात्मक अर्थशास्त्र कहा जाता है जबकि मानक अर्थशास्त्र "क्या होना चाहिए" से संबंधित है। कथन को उचित उदाहरण सहित समझाइये।

उत्तर: सरल शब्दों में: सकारात्मक अर्थशास्त्र "क्या है" का वर्णन करता है, जबकि मानक अर्थशास्त्र "क्या होना चाहिए" का वर्णन करता है।

उदाहरण:

सकारात्मक: भारत में बेरोजगारी दर 7% है।

मानक: भारत को बेरोजगारी दर कम करने के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए।

अंत में, दोनों शाखाएं अर्थशास्त्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। सकारात्मक अर्थशास्त्र हमें अर्थव्यवस्था को समझने में मदद करता है, जबकि मानक अर्थशास्त्र हमें नीतिगत निर्णय लेने में मदद करता है।


2. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए।

(a) "भारतीय अर्थव्यवस्था को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने की राह में बाधाएँ उत्पन्न करने के लिए गैर-आर्थिक कारक किस हद तक जिम्मेदार हैं।” कथन को विस्तृत कीजिये।

उत्तर: भारतीय अर्थव्यवस्था को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में कई बाधाएं हैं, जिनमें से कुछ गैर-आर्थिक कारक भी हैं। ये गैर-आर्थिक कारक सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक कारक हो सकते हैं।

  • सामाजिक असमानता: सामाजिक असमानता, जातिवाद, लिंग भेदभाव जैसे कारक लोगों को अपने पूर्ण क्षमता तक पहुंचने से रोक सकते हैं।
  • राजनीतिक अस्थिरता: राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और नीतिगत अनिश्चितता निवेशकों को डरा सकती है और आर्थिक विकास को धीमा कर सकती है।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी श्रम शक्ति की उत्पादकता को कम करती है।
  • सामाजिक रूढ़िवादिता: कुछ सामाजिक रूढ़िवादिता महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक भागीदारी में बाधा डाल सकती हैं।


3. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए।

(b) निम्नलिखित विशेषताओं के आधार पर एकाधिकार बाजार और पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार के बीच अंतर करें-

i. क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या

ii. स्थानापन्न वस्तुएँ

iii. निः शुल्क प्रवेश और निकास तथा

iv. कीमत का निर्धारण

उत्तर: एकाधिकार बाजार और पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में अंतर

एकाधिकार बाजार और पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार बाजार की दो प्रमुख संरचनाएं हैं जिनमें कई अंतर होते हैं। इन दोनों के बीच मुख्य अंतर निम्नलिखित विशेषताओं के आधार पर स्पष्ट किए जा सकते हैं:

i. क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या:

  • एकाधिकार: एकाधिकार में केवल एक विक्रेता होता है जो पूरे बाजार में एक विशेष उत्पाद या सेवा बेचता है। क्रेताओं की संख्या अधिक हो सकती है, लेकिन विक्रेता केवल एक ही होता है।
  • पूर्ण प्रतिस्पर्धा: पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में बहुत सारे क्रेता और बहुत सारे विक्रेता होते हैं। कोई भी एकल क्रेता या विक्रेता बाजार की कीमत को प्रभावित करने में सक्षम नहीं होता है।

ii. स्थानापन्न वस्तुएँ:

  • एकाधिकार: एकाधिकार उत्पाद के लिए कोई करीबी स्थानापन्न नहीं होता है। उपभोक्ताओं के पास बहुत कम विकल्प होते हैं।
  • पूर्ण प्रतिस्पर्धा: पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में, उत्पादों के लिए कई करीबी स्थानापन्न होते हैं। उपभोक्ता आसानी से एक उत्पाद को दूसरे से बदल सकते हैं।

iii. निः शुल्क प्रवेश और निकास:

  • एकाधिकार: एकाधिकार में नए प्रतिस्पर्धियों के लिए बाजार में प्रवेश करना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि प्रवेश में कई बाधाएं होती हैं।
  • पूर्ण प्रतिस्पर्धा: पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में, कोई भी फर्म आसानी से बाजार में प्रवेश या निकल सकती है। प्रवेश में कोई बाधा नहीं होती है।

iv. कीमत का निर्धारण:

  • एकाधिकार: एकाधिकार में, एकमात्र विक्रेता बाजार की कीमत निर्धारित करने में सक्षम होता है। वह मांग और आपूर्ति के आधार पर कीमत को नियंत्रित कर सकता है।
  • पूर्ण प्रतिस्पर्धा: पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में, कोई भी एकल फर्म कीमत निर्धारित नहीं कर सकती है। बाजार की कीमत मांग और आपूर्ति के संतुलन से निर्धारित होती है।


4. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 से 150 शब्दों में दीजिए।

(a) खाद्यान्न व्यापारियों के शोषण से अपने हितों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर अपने कृषि उत्पादों को बेचने के लिए कुछ प्रभावी उपाय सुझाएं।

उत्तर: खाद्यान्न व्यापारियों द्वारा किसानों के शोषण की समस्या भारत में एक गंभीर मुद्दा है। किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए प्रोत्साहित करने और उनके हितों की रक्षा करने के लिए सरकार निम्नलिखित उपाय कर सकती है:

  • मंडी बोर्डों को मजबूत बनाना: मंडी बोर्डों को अधिक सशक्त बनाकर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की जानकारी देने और इसका पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
  • प्रतियोगिता बढ़ाना: निजी क्षेत्र को खाद्यान्न खरीद में अधिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
  • भंडारण की सुविधाएं बढ़ाना: किसानों को अपनी उपज को लंबे समय तक संग्रहित करने के लिए पर्याप्त भंडारण की सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे जब कीमतें बढ़ें तब अपनी उपज बेच सकें।
  • ई-मंडी को बढ़ावा देना: ई-मंडी के माध्यम से किसानों को सीधे उपभोक्ताओं या प्रसंस्करण इकाइयों से जुड़ने में मदद मिल सकती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका कम हो जाएगी।
  • किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को बढ़ावा देना: FPOs किसानों को सामूहिक रूप से बातचीत करने और बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
  • जागरूकता अभियान: किसानों को MSP और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।
  • कानून का सख्ती से पालन: MSP के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
  • कृषि बिलों का पुनर्मूल्यांकन: मौजूदा कृषि बिलों का पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे किसानों के हितों की रक्षा करते हैं।

इन उपायों के साथ, किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने में सक्षम बनाया जा सकता है और खाद्यान्न व्यापारियों के शोषण से बचा जा सकता है।


5. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 से 150 शब्दों में दीजिए।

(a) "ऑनलाइन शॉपिंग प्रौ‌द्योगिकी प्रक्रिया की प्रगति का परिणाम है जिससे उपभोक्ताओं को विक्रेताओं से सामान या सेवाएँ खरीदकर प्रतिस्पर्धी बाजार में सौधे लाभ होता है"। कथन के आलोक में ऑनलाइन शॉपिंग के लाभों की सूची बनाएं।

उत्तर: ऑनलाइन शॉपिंग के लाभ:

यह कथन उपभोक्ता व्यवहार और बाजार की गतिशीलता पर तकनीकी प्रगति के प्रभाव को सटीक रूप से दर्शाता है। ऑनलाइन शॉपिंग, इन प्रगति का प्रत्यक्ष परिणाम है, जो आज के प्रतिस्पर्धी बाज़ार में उपभोक्ताओं को कई लाभ प्रदान करता है।

1. सुविधा और पहुँच: ऑनलाइन शॉपिंग का सबसे महत्वपूर्ण लाभ इसकी सुविधा है। उपभोक्ता अपने घर या दफ़्तर में आराम से उत्पादों और सेवाओं के विशाल चयन को ब्राउज़ कर सकते हैं, बिना किसी स्टोर पर जाने की आवश्यकता के। इससे आने-जाने और खरीदारी के लिए लगने वाले समय और प्रयास की बचत होती है, जिससे यह व्यस्त व्यक्तियों या दूरदराज के इलाकों में रहने वालों के लिए विशेष रूप से फ़ायदेमंद है। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन स्टोर अक्सर 24/7 संचालित होते हैं, जिससे उपभोक्ता किसी भी समय खरीदारी कर सकते हैं जो उन्हें सूट करता है।

2. विस्तृत चयन और तुलना: ऑनलाइन मार्केटप्लेस पारंपरिक ईंट-और-मोर्टार स्टोर की तुलना में उत्पादों और सेवाओं की बहुत व्यापक रेंज तक पहुँच प्रदान करते हैं। यह उपभोक्ताओं को कई विक्रेताओं से कीमतों, सुविधाओं और समीक्षाओं की तुलना करने की अनुमति देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उन्हें अपने पैसे का सबसे अच्छा मूल्य मिले। इसके अलावा, ऑनलाइन शॉपिंग अक्सर उपभोक्ताओं को ऐसे खास या मुश्किल से मिलने वाले उत्पाद खोजने में सक्षम बनाती है जो स्थानीय रूप से उपलब्ध नहीं हो सकते हैं।

3. समय और लागत की बचत: ऑनलाइन शॉपिंग उपभोक्ताओं के समय और पैसे दोनों की बचत कर सकती है। भौतिक खरीदारी यात्राओं की आवश्यकता को समाप्त करके, उपभोक्ता ट्रैफ़िक की भीड़, पार्किंग शुल्क और आवेगपूर्ण खरीदारी से बच सकते हैं। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन खुदरा विक्रेता अक्सर छूट, प्रचार और मुफ़्त शिपिंग की पेशकश करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण लागत बचत हो सकती है।

4. व्यक्तिगत अनुशंसाएँ: कई ऑनलाइन खुदरा विक्रेता उपभोक्ता व्यवहार और वरीयताओं को ट्रैक करने के लिए परिष्कृत एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं। यह उन्हें व्यक्तिगत उत्पाद अनुशंसाएँ प्रदान करने में सक्षम बनाता है, जिससे उपभोक्ताओं को उन नई वस्तुओं की खोज करने में मदद मिलती है जिनमें उनकी रुचि हो सकती है। व्यक्तिगत अनुशंसाएँ खरीदारी के अनुभव को बेहतर बना सकती हैं और खरीदारी करने की संभावना को बढ़ा सकती हैं।

5. आसान रिटर्न और एक्सचेंज: ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं के पास अक्सर लचीली रिटर्न और एक्सचेंज नीतियाँ होती हैं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए संतुष्ट न होने पर उत्पादों को वापस करना या एक्सचेंज करना सुविधाजनक हो जाता है। इससे भौतिक स्टोर पर आइटम वापस करने से जुड़ी परेशानी कम हो जाती है और ऑनलाइन खरीदारी में उपभोक्ता का विश्वास बढ़ सकता है।

निष्कर्ष के तौर पर, ऑनलाइन शॉपिंग ने उपभोक्ताओं के खरीदारी करने के तरीके में क्रांति ला दी है और यह आधुनिक बाज़ार का एक अभिन्न अंग बन गया है। ऑनलाइन शॉपिंग द्वारा दिए जाने वाले लाभ, जिसमें सुविधा, पहुँच, व्यापक चयन, लागत बचत, व्यक्तिगत अनुशंसाएँ और आसान रिटर्न शामिल हैं, ने इसे कुशल और प्रभावी खरीदारी अनुभव चाहने वाले उपभोक्ताओं के लिए एक आकर्षक विकल्प बना दिया है।


6. नीचे दिए गए में शीशकों में से किसी एक विषय पर प्रोजेक्ट तैयार कीजिए।

(a) सरकार द्वारा "शिक्षा उन्नति करना और शिक्षा प्रदान करना" विषय पर एक परियोजना कार्य तैयार करें

  • विषय का परिचय और प्रासंगिकता
  • परियोजना के उद्देश्य,
  • सरकार द्वारा शुरू की गई योजना.
  • निष्कर्ष

उत्तर: "शिक्षा उन्नति करना और शिक्षा प्रदान करना" विषय पर परियोजना कार्य

विषय का परिचय और प्रासंगिकता:

शिक्षा किसी भी देश के विकास का आधार है। यह व्यक्ति को सशक्त बनाती है, समाज को आगे बढ़ाती है और राष्ट्र का निर्माण करती है। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, शिक्षा न केवल सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए बल्कि राष्ट्रीय एकता और सद्भाव के लिए भी महत्वपूर्ण है।

इस परियोजना का उद्देश्य शिक्षा के महत्व को उजागर करना है और भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करना है। यह परियोजना शिक्षा के विभिन्न पहलुओं जैसे कि प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा पर प्रकाश डालती है।

परियोजना के उद्देश्य :

  • शिक्षा के महत्व को समझना: शिक्षा व्यक्ति के जीवन में और समाज में इसकी भूमिका को समझना।
  • सरकारी योजनाओं का विश्लेषण: भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का विस्तृत विश्लेषण करना।
  • शिक्षा में आ रही चुनौतियों का अध्ययन: शिक्षा के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों जैसे कि साक्षरता दर, लिंग अनुपात, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी का अध्ययन करना।
  • सुझाव देना: शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कुछ सुझाव देना।

सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएँ:

भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू की हैं जिनका उद्देश्य सभी वर्गों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। कुछ प्रमुख योजनाएँ निम्नलिखित हैं:

  • सर्व शिक्षा अभियान (SSA): इस योजना का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है।
  • राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA): इस योजना का उद्देश्य माध्यमिक शिक्षा का विस्तार करना और गुणवत्ता में सुधार करना है।
  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV): यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों के लिए आवासीय स्कूल स्थापित करने के लिए शुरू की गई थी।
  • राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA): इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों को मजबूत बनाना और उच्च शिक्षा के अवसरों को बढ़ाना है।
  • डिजिटल इंडिया: इस पहल का उद्देश्य डिजिटल रूप से सशक्त समाज का निर्माण करना है और इसमें शिक्षा क्षेत्र को भी शामिल किया गया है।

निष्कर्ष:

शिक्षा किसी भी देश के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हालांकि, अभी भी कई चुनौतियाँ हैं जिनका सामना करना बाकी है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:

  • शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार: शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वे छात्रों को प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें।
  • शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार: स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं जैसे कि बिजली, पानी और शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

  • शिक्षा को अधिक व्यावहारिक बनाना: शिक्षा को रोजगार के अवसरों से जोड़ा जाना चाहिए ताकि छात्रों को रोजगार के लिए तैयार किया जा सके।
  • शिक्षा में तकनीक का उपयोग: शिक्षा में तकनीक का उपयोग करके शिक्षण को अधिक रोचक और प्रभावी बनाया जा सकता है।
  • शिक्षा के लिए बजट में वृद्धि: शिक्षा के लिए बजट में वृद्धि करके शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाया जा सकता है।

शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है और इसमें लगातार सुधार की आवश्यकता होती है। सरकार, समाज और सभी हितधारकों को मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए काम करना होगा।


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