Painting (225)
Tutor Marked Assignment
20% Marks Of Theory
1. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।
(क) फर्श की सजावट से संबंधित दो लोकप्रिय लोक कला रूपों की तुलना करते हुएदो विशेषताएं लिखिए।
उत्तर: फर्श की सजावट में इस्तेमाल होने वाले दो लोकप्रिय लोक कला रूपों, कोलम और रंगोली की तुलना निमन्लिखित है:
1. कोलम: ये ज्यादातर दक्षिण भारत में देखे जाते हैं और इन्हें चावल के आटे या रंगीन पाउडर से बनाया जाता है। कोलम के पैटर्न ज्यामितीय होते हैं और इनमें रेखाएं और बिंदुओं का खूबसूरत मेल होता है।
2. रंगोली: ये पूरे भारत में लोकप्रिय हैं और इन्हें रंगीन पाउडर, फूलों या रेत से बनाया जाता है। रंगोली के पैटर्न अधिक जटिल होते हैं और इनमें फूल, पशु और देवी-देवताओं के चित्र होते हैं।
2. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।
(ख) किसी भी “प्रभाववादी शैली" के कलाकार की पेंटिंगका वर्गीकरणइसकी दो विशेषताएं देते हुए करें।
उत्तर: क्लाउड मोनेट एक प्रमुख प्रभाववादी चित्रकार थे।
मोनेट की पेंटिंग की विशेषताएँ:
1. प्रकाश और रंग पर जोर: मोनेट को चमकीले, जीवंत रंगों के उपयोग और परिदृश्य और पानी पर सूर्य के प्रकाश के प्रभावों को पकड़ने की उनकी क्षमता के लिए जाना जाता है।
2. ढीले ब्रशस्ट्रोक: उनकी पेंटिंग में अक्सर ढीले, अभिव्यंजक ब्रशस्ट्रोक होते हैं जो गति और ऊर्जा की भावना पैदा करते हैं।
3. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।
(ख) किस कलाकार ने "प्राकृतिक प्रकाश से पेंट करने" से इनकार कर दिया? उसकी कलाकृति का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: हेनरी मैटिस: एक प्रमुख फ़ॉविस्ट चित्रकार, ने प्राकृतिक प्रकाश में पेंटिंग करने से मना कर दिया।
उदाहरण: मैटिस के सबसे प्रतिष्ठित कार्यों में से एक, "द रेड रूम", एक बोल्ड और जीवंत आंतरिक दृश्य है जिसे पूरी तरह से स्मृति और कल्पना से चित्रित किया गया है। पेंटिंग में मजबूत, संतृप्त रंग और विकृत रूप हैं, जो फ़ॉविस्ट शैली की विशेषता है।
4. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए।
(क) एक उदाहरण के साथ 'जैन लघु चित्रकला' को अपनी द्वारा बनी चित्र सहित प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: जैन लघु चित्रकला: भारतीय कला का एक रूप है जो अपने जटिल विवरणों और जीवंत रंगों के लिए जाना जाता है। इसमें अक्सर धार्मिक विषयों, विशेष रूप से जैन धर्मग्रंथों की कहानियों को दर्शाया जाता है। इन चित्रों की विशेषताएँ हैं:
- धार्मिक विषय: अक्सर जैन देवताओं, संतों और पौराणिक आकृतियों को चित्रित किया जाता है।
- जटिल विवरण: आभूषण, कपड़े और पृष्ठभूमि जैसे छोटे, बारीक ढंग से तैयार किए गए विवरण।
- जीवंत रंग: आकर्षक रचनाएँ बनाने के लिए चमकीले और ज्वलंत रंगों का उपयोग।
- सोने की पत्ती: शानदार और पवित्र रूप के लिए अक्सर सोने की पत्ती को शामिल किया जाता है।
उदाहरण: जैन लघु चित्रकला में जैन धर्म के संस्थापक महावीर के जीवन का एक दृश्य दर्शाया जा सकता है। यह उन्हें फूलों, पक्षियों और वास्तुशिल्प तत्वों जैसे जटिल विवरणों से घिरे हुए शिष्यों के समूह को उपदेश देते हुए दिखाया जाता है।
5. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए।
(ख) कला के संदर्भ में 'इंप्रेशन' शब्द का क्या अर्थ है? कुछ उदाहरणों के साथ रेखांकित कीजिए।
उत्तर: कला के संदर्भ में 'इंप्रेशन' शब्द का मतलब है कोई ऐसा प्रभाव जो किसी कलाकृति देखने या अनुभव करने से मन पर पड़ता है। यह सिर्फ एक दृश्य अनुभव ही नहीं होता, बल्कि एक भावनात्मक, बौद्धिक या यहां तक कि शारीरिक अनुभव भी हो सकता है।
उदाहरण के लिए:
- मोन लीसा की मुस्कुराहट: यह पेंटिंग हमें अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। कुछ लोग इसे रहस्यमयी पाते हैं, तो कुछ लोग इसे मुस्कुराते हुए लगता है। यह मुस्कुराहट हमें सोचने पर मजबूर करती है कि वह किस बारे में सोच रही है।
- वैन गॉग के तेजस्वी रंग: वैन गॉग की पेंटिंग्स में इस्तेमाल किए गए तेजस्वी रंग हमें ऊर्जावान और भावुक महसूस कराते हैं।
- रोटको के रंगीन क्षेत्र: मार्क रोथको के बड़े, रंगीन कैनवास हमें एक गहरी भावनात्मक अनुभव देते हैं।
संक्षेप में, कला का इंप्रेशन व्यक्तिगत होता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति किसी कलाकृति को कैसे देखता है और समझता है।
6. नीचे दी गई परियोजनाओं में से कोई एक परियोजना तैयार कीजिए।
(ख) विभिन्न लोक कला रूपों पर आधारित तस्वीरों को इकट्ठा करें और A3 आकार के कागज पर एक कोलाज बनाएं। फिर, "कला के तत्वों (रेखा, रंग, रूप, बनावट और स्थान आदि) का उपयोग कैसे किया गया है? इस पर एक वर्णनात्मक टिप्पणी लिखें।
उत्तर: विभिन्न संस्कृतियों की लोक कला चित्रकला के कुछ उदाहरण हैं:
1. भारत की मधुबनी पेंटिंग: अपने जटिल पैटर्न, चमकीले रंगों और पौराणिक विषयों के लिए जानी जाती है।
2. भारत से पट्टचित्र पेंटिंग: ओडिशा से उत्पन्न, ये पेंटिंग हिंदू देवताओं और पौराणिक कहानियों को दर्शाती हैं।
3. मेक्सिको से हुइचोल बीडवर्क: यह जीवंत कला रूप जटिल पैटर्न और डिज़ाइन बनाने के लिए रंगीन मोतियों का उपयोग करता है।
4. मेक्सिको से ओक्साका वस्त्र: इन वस्त्रों में बोल्ड रंग, ज्यामितीय पैटर्न होते हैं, और अक्सर दैनिक जीवन या पौराणिक कथाओं के दृश्य दर्शाए जाते हैं।
5. दक्षिण अफ्रीका से नेबेले भित्ति चित्र: ये रंगीन भित्ति चित्र दक्षिण अफ्रीका में घरों की बाहरी दीवारों पर पाए जाते हैं और ज्यामितीय पैटर्न, मानव आकृतियाँ और प्रतीकात्मक रूपांकनों को दर्शाते हैं।
6. घाना से केंटे कपड़ा: यह घाना का कपड़ा अपने जटिल पैटर्न, चमकीले रंगों और प्रतीकात्मक अर्थों के लिए जाना जाता है।
7. यूक्रेनी ईस्टर अंडे (पिसंकी): इन जटिल रूप से सजाए गए अंडे, जिन्हें पिसांकी के रूप में जाना जाता है, में ज्यामितीय पैटर्न और प्रतीक होते हैं।
8. स्वीडिश डाला घोड़े: ये चमकीले रंग के लकड़ी के घोड़े एक पारंपरिक स्वीडिश लोक कला रूप हैं।
9. नवाजो रेत पेंटिंग: ये क्षणभंगुर कलाकृतियाँ सतह पर रंगीन रेत डालकर बनाई जाती हैं, जो अक्सर धार्मिक या पौराणिक विषयों को दर्शाती हैं।
10. जापानी कोकेशी गुड़िया: ये लकड़ी की गुड़िया, जो आमतौर पर चमकीले रंगों में चित्रित की जाती हैं, एक पारंपरिक जापानी लोक कला रूप हैं।
कला के तत्वों का उपयोग:
कला के तत्व (रेखा, रंग, रूप, बनावट, स्थान आदि) कलाकारों के लिए अपनी भावनाओं, विचारों और कहानियों को व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मूल उपकरण हैं। ये तत्व किसी कलाकृति की संरचना और अर्थ को गहराई से प्रभावित करते हैं। आइए इन तत्वों के उपयोग पर एक विस्तृत नज़र डालते हैं:
- रेखा: रेखाएं कला में सबसे बुनियादी तत्वों में से एक हैं। ये सरल या जटिल हो सकती हैं, मोटी या पतली, सीधी या घुमावदार। रेखाएं गति, दिशा, भावना और रूप को व्यक्त कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, एक मजबूत, सीधी रेखा स्थिरता और शक्ति का प्रतिनिधित्व कर सकती है, जबकि एक घुमावदार रेखा कोमलता और लालच का प्रतिनिधित्व कर सकती है।
- रंग: रंग कला में भावनाओं को व्यक्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है। अलग-अलग रंग अलग-अलग भावनाओं से जुड़े होते हैं। उदाहरण के लिए, लाल रंग प्यार, क्रोध या ऊर्जा का प्रतिनिधित्व कर सकता है, जबकि नीला रंग शांति और शांतता का प्रतिनिधित्व कर सकता है। रंगों का संयोजन भी एक कलाकृति के मूड और वातावरण को प्रभावित कर सकता है।
- रूप: रूप किसी कलाकृति में दो या तीन आयामी आकृतियों को संदर्भित करता है। ये जैविक (जैसे एक चेहरा) या ज्यामितीय (जैसे एक वर्ग) हो सकते हैं। रूप कलाकारों को गहराई और संरचना बनाने में मदद करते हैं।
- बनावट: बनावट किसी कलाकृति की सतह की गुणवत्ता को संदर्भित करता है। यह चिकनी, खुरदरी, मखमली या चमकदार हो सकती है। बनावट दर्शकों को एक कलाकृति को छूने और महसूस करने का अनुभव देती है।
- स्थान: स्थान किसी कलाकृति में तत्वों के संगठन को संदर्भित करता है। यह सकारात्मक स्थान (आकृतियों द्वारा कब्जा किया गया स्थान) और नकारात्मक स्थान (आकृतियों के बीच का स्थान) दोनों को शामिल करता है। स्थान संतुलन, एकता और तनाव जैसी अवधारणाओं को व्यक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उदाहरण के लिए: एक चित्रकार एक सूर्यास्त को चित्रित करने के लिए गर्म रंगों (लाल, नारंगी, पीला) का उपयोग कर सकता है, जबकि एक ठंडे रंग (नीला) का उपयोग समुद्र को दर्शाने के लिए किया जा सकता है। वह नरम, घुमावदार रेखाओं का उपयोग बादलों को दर्शाने के लिए कर सकता है और तेज, सीधी रेखाओं का उपयोग पेड़ों को दर्शाने के लिए कर सकता है।
निष्कर्ष:
कला के तत्व कलाकारों को अपनी भावनाओं, विचारों और कहानियों को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण प्रदान करते हैं। इन तत्वों का उपयोग करके, कलाकार दर्शकों को एक भावनात्मक प्रतिक्रिया पैदा कर सकते हैं, उन्हें सोचने पर मजबूर कर सकते हैं, और उन्हें दुनिया को एक नए नजरिए से देखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।